भागलपुर-पिरपैंती- भागलपुर जिला में पीरपैंती प्रखण्ड के मेहरपुर स्थित दुर्गा मंदिर अत्यंत धार्मिक सौहार्द और विस्वास का प्रतीक है। लोगों की पौराणिक आस्था इस मंदिर से अंतरमन जुड़ी हुई है, मंदिर की स्थापना से लेकर अब तक हर मौके पर पूरे गांव के लोगों का सहयोग रहता है। गांव में दो धर्मों के लोग रहते हुए भी बेहद शांति पूर्ण तरीके से पूजा हर साल सम्पन्न होती है। दुर्गा पूजा को ले कर सबों में आपसी प्रेम और परस्पर सहयोग देखने को बेखूबी मिलता है।
बताते चलें कि भागलपुर जिला में पीरपैंती प्रखंड के मेहरपुर स्थित दुर्गा मंदिर करीब 180 साल से लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां हर साल धूमधाम से मां की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि मां के दर पर आने वाले हर भक्तों की मुरादें पूरी होती है। साथ ही यह मंदिर धार्मिक सौहार्द का भी प्रतीक है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण गांव के प्रतिष्ठित व्यक्ति स्वर्गीय रामनाथ सिंह– के पूर्वजों ने कराया था। ऐसी मान्यता है कि उनके एक पूर्वज के स्वप्न में दुर्गा माँ आई थीं। और उन्होंने स्वप्न में आकर मेहरपुर आने की अपनी इच्छा जताई थी। साथ ही साथ गांव के बीचो-बीच एक भव्य मंदिर के निर्माण की भी इच्छा जताई थी। इसके बाद रामनाथ सिंह के पूर्वजों ने ग्रामीणों के सहयोग से पास के गांव बरैनी से मां के अवशेष को लाकर गांव के बीचो-बीच स्थापित किया। इसके बाद वहां पर मंदिर की स्थापना की गई। तब से लेकर अब तक यहां पर हर साल पूजा-पाठ किया जा रहा है। इसमें पूरे गांव के लोगों का सहयोग रहता है। कुछ सालों पहले तक यहां के स्थानीय युवाओं के द्वारा नाटक का आयोजन होता था जिसे देखने के लिये आस पास के गांवों के लोग आते थे, लेकिन समय के साथ साथ धीरे धीरे यह बन्द हो गया।
धार्मिक सौहार्द के साथ साथ सर्व मनोकामना सिद्धि के लिये प्रसिद्ध है यह मंदिर- ग्रामीनों की मानें तो यह मंदिर धार्मिक सौहार्द का एक अनोखा प्रतीक है। कुछ सालों पहले इस गाँव मे आग लग गयी थी जिसमे 80% घर लगभग जल कर राख हो गये थे मन्दिर के आस पास का घर पूरी तरह जल चुका था लेकिन मन्दिर तक आग की लपट पहुंचने के बाद भी मन्दिर पर कोई भी आग या धुंआ का प्रभाव तक नही था। मंदिर पूरी तरह सुरक्षित था ये मां की कृपा का ही प्रतिफल था ! मंदिर की स्थापना से लेकर अब तक हर मौके पर पूरे गांव के लोगों का सहयोग रहता है। गांव में विभिन्न मजहब के लोग रहते हैं। सभी लोग इसमें खुशी-खुशी सहयोग करते हैं। गांव के बड़े-बुजुर्ग बताते हैं कि इस गांव के लोगों पर मां की विशेष कृपा रही है। जब से गांव में मंदिर की स्थापना हुई है,तब से ही गांव के लोग नित्य तरक्की के मार्ग को प्रशस्त कर रहे हैं।
80 वर्षों तक लगा हुआ है मूर्ति बनाने वाले लोगों का नम्बर– मेहरपुर दुर्गा पूजा समिति की ओर से जनतक न्यूज संवाददाता को बताया गया कि की आने वाले 80 वर्षों तक मूर्ति बनाने वाले लोगों का नम्बर लगा हुआ है । जबकि हर साल दो लोग पूजा करवाते हैं तब भी 80 सालों तक नम्बर पहुंच चुका है और हर एक साल 2,4,नये लोगों का नाम पूजा समिति के पास दर्ज होता जाता है। जिन भी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है वो अपने इच्छानुसार मूर्ति बनवाते हैं।
जनतक न्यूज: शिवरंजन सिंह रघुवंशी की रिपोर्ट