पीरपैंती-
चारों तरफ शारदीय नवरात्र की महा अष्टमी के अवसर पर शक्ति की देवी महागौरी की पूजा अनेकानेक विधियों से भिन्न भिन्न भक्तों के द्वारा धूमधाम से की जा रही है। इनमें एक हैं आदर्श मध्य विद्यालय, कामतटोला, पीरपैंती, भागलपुर, बिहार के, सबसे पुराने और अनुभवी शिक्षक सह स्टेट मास्टर ट्रेनर ऑफ चहक सह फोकल शिक्षक सह सहायक शिक्षक शिवनाथ रविदास उर्फ़ चहकनाथ जो बीते छब्बीस वर्षों से पूरे नौ दिनों तक कठोर मौनव्रत धारण करते आ रहे हैं।
पूरा खानदान है सनातन परम्परा के आदर्शों पर चलने वाला-
जन तक न्यूज संवाददता की रिपोर्ट के अनुसार इनकी माता सोनिया देवी भी कुप्पाघाट वाले बाबा की पुजारिन हैं। इनके पिताजी कार्तिक रविदास भी एक धार्मिक व्यक्ति थे। इनका पूरा परिवार बच्चे से लेकर बूढ़े तक आध्यात्मिक और शाकाहारी हैं। इन्हें सत्संग, ध्यान, स्वाध्याय, शिक्षण और प्रवचन में काफ़ी रूची है। ये एक कुशल आध्यात्मिक प्रवचनकर्त्ता भी हैं।
सदा चहकने वाले चहकनाथ क्यों बन गये मौनी बाबा
बचपन में छोटे चाचू हवलदार राजाराम रविदास को मौनव्रत होकर गौरांग चैतन्य महाप्रभु के महामंत्र का संकीर्तन कराते देख इन्होंने बड़ा होकर मौनव्रत करने का संकल्प लिया था। परिजनों ने बताया कि इस बार भी अन्य वर्षों की भांति नवरात्रि में —
सर्वे भवन्तु सुखिन:
सर्वे संतु निरामया: ।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु
मां कश्चित् दु:ख भाग्भवेत् ।।
के उद्देश्य से आध्यात्मिक उन्नति,सम्पूर्ण जगत के कल्याण और विश्व शांति के लिए सदा चहकनवाले चहकनाथ मौनीबाबा बनकर छब्बीसवें मौनव्रत का दिव्य अनुष्ठान कर रहे हैं।
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news,जन तक न्यूज़ संवाददाता-गौरव सिंह की रिपोर्ट