पटना,बिहार
जन तक न्यूज संवाददाता धनंजय सिंह की रिपोर्ट
कहते हैं न डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होते हैं ,लेकिन वही डॉक्टर अगर रोगियों के लिये भगवान के जगह हैवान हो जायें तो डॉक्टर पर से भी भरोसा उठना स्वाभाविक हो जाता है !और वो भी तब जब पीड़िता को महज कान के ऑपरेशन के लिये अपना हाथ गँवाना पड़े-
पटना के कंकड़बाग स्थित महावीर आरोग्य संस्थान में नर्स की लापरवाही के कारण शिवहर की रहने वाली रेखा कुमारी को ना सिर्फ अपना एक हाथ गंवाना पड़ा बल्कि नवंबर 2022 में होने वाली उनकी शादी भी टूट गई ..!
दरअसल 11 जुलाई को कान का आपरेशन कराने पटना आई शिवहर की रेखा को नर्स ने नसों की जगह मांसपेशियों में कोई गलत इंजेक्शन दे दिया जिसके कारण रेखा का हाथ धीरे धीरे गलने लगा !
जिसके बाद पीएमसीएच(PMCH) और एनएमसीएच (NMCH)के कई चक्कर लगाने के बाद 12 अगस्त को शहर के मेदांता हॉस्पिटल में उसे अपनी जान बचाने के लिए डाक्टरों ने हाथ काटने की सलाह दे दी.
परिणामतः डॉक्टरों और नर्सों की लापरवाही की कीमत उस लड़की को चुकानी पड़ी .नवम्बरमें जिस पिता को अपने बेटी के हाथ पीले करने थे, वो अब उसे लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक के अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं! क्या हमारे लाचार और करप्ट सिस्टम में कभी ऐसे बेबस पिताओं की लाचारी को समझने की क्षमता होगी ? क्या बिहार का स्वास्थ्य मंत्रालय इस लाचार पिता के आंसूं कम कर पायेगा? क्या डॉक्टरों की लापरवाही से रेखा के आने वाले भविष्य में होने वाले परेशानियां कम हो पायेगी ? क्या अब वो किसी के घर की बहू बन पायेगी ? ऐसे तमाम प्रश्नों का जवाब उस लाचार पिता को या उस लाचार बेटी को शायद कभी नही मिल पाये !
लेकिन इस तरह के लापरवाह डॉक्टर और हॉस्पिटल पर प्रशासनिक कार्यवाही जरूर होनी चाहिए ताकि आगे से इस तरह के घटना कभी न हो .